कोरोना महामारी और उसके बाद लगे देशव्यापी लॉकडाउन ने साल की शुरुआत में ही पूरी भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को संकट में डाल दिया था। हालांकि अब सेक्टर में धीरे-धीरे दोबारा रिकवरी हो रही है क्योंकि अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे दोबारा खोला दिया गया है। पिछले दो महीनों में वाहन निर्माताओं ने भी बिक्री में काफी अच्छी वृद्धि दर्ज की लेकिन सेकंड हैंड कारों की तरफ भी लोगों का रूझान बढ़ता दिखाई दे रहा है। ओएलएक्स के सर्वे में कोरोना के कारण बढ़ती सेकंड हैंड कार इंडस्ट्री के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी सामने आईं...
सेकंड हैंड कार की मांग तेजी से बढ़ रही है
- ओएलएक्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जुलाई की शुरुआत तक यूज्ड कारों की मांग में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है, यह फरवरी की तुलना में काफी ज्यादा है जब कोविड-19 के प्रभावों को पूरी तरह से महसूस नहीं किया गया था। सेकंड हैंड कार इंडस्ट्री पहले से ही वॉल्यूम के मामले में नई कार बाजार के लगभग एक तिहाई से अधिक है और भविष्य में इसके बढ़ने की उम्मीद है।
- ओएलएक्स की स्टडी में मार्च-जून 2020 के महीनों में इकट्ठा की गई 3,800 लोगों की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं, इसके अलावा इसके डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 4,50,000 खरीदारों और विक्रेताओं से मिले इनपुट भी लिए गए हैं।
- स्टडी में सामने आया कि सर्वे में शामिल 56 प्रतिशत लोग अभी भी अगले 3-6 महीनों में कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, हालांकि उनमें से 1/5th लोगों का झुकाव फाइनेंशियल स्ट्रेस के कारण नई की जगह यूज्ड कारों की तरफ बढ़ गया है। इनमें से 54 प्रतिशत इक्छुक कार खरीदार सेकंड हैंड कार बाजार में घूमने की योजना बना रहे हैं।
नई कार की कीमतें बढ़ी, लेकिन कार खरीदने का बजट कम हुआ
- पिछले कुछ महीनों में नए एमिशन और सेफ्टी नियमों लागू होने के कारण नई कारों की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, इसी कारण यूज्ड कार अधिक वैल्यू-फोर-मनी बन गई हैं। नई कारों की कीमत में बढ़ोतरी का प्रभाव बड़े स्तर पर देखने को मिला है। जिस कारण यूज्ड कार सेगमेंट की ओर खरीदारों को रूझान बढ़ रहा है।
- सर्वे में शामिल, 72 प्रतिशत लोगों ने कार खरीदने के लिए अपना बजट कम कर लिया है। यूज्ड कार खरीदने के इक्छुक ग्राहक में से आधे अब लगभग 3 लाख रुपए कीमत तक के पैसेंजर व्हीकल तलाश रहे हैं, जबकी लगभग 40 प्रतिशत नई कार के खरीदारों ने भी यही बजट बना रखा है। बता दें, कि वर्तमान में देश में सबसे सस्ती नई कार डैटसन रेडिगो 0.8D है, जिसकी दिल्ली-एक्स शोरूम कीमत 2.83 लाख रुपए है।
55% लोगों खुद का वाहन खरीदने का इरादा बनाया
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट और शेयर्ड मोबिलिटी इस समय काफी संकट में है, कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जरूरत है और इसी कारण लोग का खुद के वाहन के प्रति रूझान बढ़ा है।
- सर्वे में शामिल 55 प्रतिशत लोगों ने हाल ही में कोविड-19 के कारण खुद के लिए पर्सनल पैसेंजर व्हीकल खरीदने का इरादा बनाया, जबकि कोविड-19 से पहले सिर्फ 48 प्रतिशत लोग ही पर्सनल व्हीकल खरीदना चाह रहे थे।
- कोरोनावायरस के प्रकोप ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को गहरा झटका दिया है। हालांकि रिकवरी हो रही है लेकिन रास्ता थोड़ा लंबा और कठिन है और इसका फायदा उठाने के लिए पहले से यूज्ड कार बाजार अच्छी तरह से तैयार है।
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