देश के स्मार्टफोन मार्केट से अब कोविड-19 महामारी का असर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इस बात को यूं समझा जा सकता है कि तीसरे क्वार्टर (जुलाई से सितंबर) के दौरान स्मार्टफोन शिपमेंट में 8 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है। कैनालिस (canalys) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्वार्टर के दौरान रिकॉर्ड 50 मिलियन (5 करोड़) यूनिट का शिपमेंट हुआ। ये किसी भी सिंगल क्वार्टर में स्मार्टफोन शिपमेंट का ऑल-टाइम हाई रिकॉर्ड है।
रिकॉर्ड शिपमेंट को लेकर कैनालिस एनालिस्ट, एडवेट मेरडिकर ने कहा, "स्मार्टफोन की सेलिंग में तेजी से बढ़ी है। देश में लंबा लॉकडाउन हटने के बाद बाजार में तेजी दिख रही है। लगभग सभी प्लेटफॉर्म पर स्मार्टफोन की मांग बढ़ी है। खासकर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजन ने फेस्टिवल सीजन में रिकॉर्ड स्मार्टफोन सेल की है। यही वजह है कि बाजार फिर से गुलजार हो रहा है।"
पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा शिपमेंट
हर साल स्मार्टफोन मार्केट के लिए साल का तीसरा क्वार्टर काफी अहम होता है, क्योंकि इस दौरान फेस्टिवल सीजन के चलते बिक्री बढ़ जाती है। स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट के पिछले 4 साल के आंकड़ों को देखा जाए तो ये पहला ऐसा मौका है जब शिपमेंट का ऑल टाइम रिकॉर्ड बन गया। 2017 और 2018 के तीसरे क्वार्टर में करीब 40 मिलियन (4 करोड़) यूनिट का शिपमेंट हुआ था। जबकि 2019 के तीसरे क्वार्टर में शिपमेंट का आंकड़ा 46 मिलियन (4.6 करोड़) यूनिट तक पहुंच गया था। हालांकि, इस बार 50 मिलियन (5 करोड़) यूनिट के साथ नया रिकॉर्ड बन गया।
चीनी कंपनियों का रहा दबदबा
इस साल जून में बॉर्डर पर चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद देश में चीनी प्रोडक्ट के बॉयकॉट की मुहिम शुरू हो गई थी। सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से को देखकर ऐसा लग रहा था कि वाकई अब चीनी कंपनियों को देश छोड़कर जाना होगा, लेकिन तीसर क्वार्टर के स्मार्टफोन शिपमेंट ने इन बातों को सिरे से खारिज कर दिया।
इस दौरान चीनी कंपनी शाओमी ने 13.1 मिलियन (1.31 करोड़) यूनिट का शिपमेंट किया और उसका मार्केट शेयर 26.1 प्रतिशत रहा। बीते साल की तुलना में उसकी सालाना ग्रोथ 9 प्रतिशत रही। हालांकि, दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरियन कंपनी सैमसंग रही। इस दौरान सैमसंग ने 10.2 मिलियन (1.02 करोड़) यूनिट का शिपमेंट किया और उसका मार्केट शेयर 20.4 प्रतिशत रहा। इसके बाद अगले तीन पायदान पर चीनी कंपनी वीवो, रियलमी और ओप्पो का दबदबा रहा।
2019 में भारतीय बाजार में शाओमी की सबसे ज्यादा 28 फीसदी हिस्सेदारी रही थी। 2018 में भी कंपनी की इतनी हिस्सेदारी थी। दूसरे स्थान पर 21 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सैमसंग रही। हालांकि, 2018 के मुकाबले कंपनी को 3 फीसदी का नुकसान हुआ है। इसके बाद वीवो, रियलमी, ओप्पो जैसी चीनी कंपनियों का दबदबा रहा। इन कंपनियों के बिक्री में 2018 की तुलना में इजाफा हुआ है।
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