Monday, 18 March 2019

ISL Final 2018-19: कोच की बनाई रणनीति पर चलना छेत्री के लिए नहीं था आसान

बेंगलुरू एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने एफसी गोवा के खिलाफ टीम की इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की पहली खिताबी जीत को ‘‘शानदार’’ करार दिया, खासकर तब जब उनकी टीम पिछले सत्र में चेन्नइयिन एफसी के खिलाफ फाइनल में हार गई थी. राहुल भेके के 116वें मिनट में किए गए शानदार हेडर गोल की मदद से बेंगलुरू एफसी ने फाइनल में एफसी गोवा को 1-0 से हराकर आईएसएल के पांचवें सत्र का खिताब अपने नाम किया था. छेत्री ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले साल फाइनल के बाद, मैंने कहा कि अगले साल हम फिर वापस आएंगे. बॉल ब्वॉय से लेकर कोच चालर्स कुआडार्ट तक, हर कोई यही चाहता था. हम किसी भी कीमत पर खिताब को जीतना चाहते थे. जिस तरह हम पिछले साल हारे उससे यह जीत काफी ‘शानदार’ है. एशिया, हम वापस आ गए हैं. आईएसएल खिताब को जीतकर बेंगलुरू एफसी ने अगले साल एएफसी एशियाई कप में खेलेने का टिकट भी कटा लिया. छेत्री ने कहा कि टीम का प्रदर्शन इसलिए भी सराहनीय है क्योंकि गोल्डन बूट का खिताब पाने वाले फेरान कोरोमिनास जैसे खिलाड़ी को बेंगलुरू एफसी ने सत्र के तीनों मैचों में अपनी टीम के खिलाफ गोल करने का कोई मौका नहीं दिया. इस सत्र में बेंगलुरू की गोवा पर यह लगातार तीसरी जीत है. छेत्री ने कहा कि कोच ने हमसे कहा था कि हम आक्रमण करने की कोशिश करेंगे लेकिन जैसे ही गेंद से हमारा नियंत्रण हटेगा हमें रक्षापंक्ति की तरफ आ जाना चाहिए. मेरे, मिकू और उदंता जैसे खिलाड़ियों के लिए हालांकि यह आसान नहीं था क्योंकि हमें आक्रामक खेलना पसंद है. इस बीच गोवा के कोच सर्गियो लोबेरा ने कहा कि अहमद जाहो को अतिरिक्त समय के पहले हाफ से ठीक पहले लाल कार्ड के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा जो इस मैच का सबसे अहम पल साबित हुआ. उन्होंने कहा कि मैच का सबसे अहम समय तब था जब अतिरिक्त समय के पहले हाफ में हमारी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने पर मजबूर हो गई. यह बहुत करीबी मुकाबला था और उनके बाहर जाने से हमारी टीम कमजोर हो गई थी. हार के बाद भी गोवा के कोच ने कहा कि उन्हें टीम के खिलाड़ियों पर फख्र है.

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